नेपाल बॉर्डर से मंगवाई जा रही लड़कियों की तश्करी ने दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए है , गैर सरकारी संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि नेपाल से रोजाना लगभग 50 लड़कियां तस्करी कर भारत लाई जाती हैं. यहां से इन लड़कियों को अलग-अलग चैनल और रुट द्वारा खाड़ी के देशों में भेजा जाता है.
दिल्ली में ब्यूटी पार्लर और मसाज चला रहे नेपाल के लोग इस धंधे में शामिल हैं. स्मगलरों की गैंग के सदस्य पहले उन लड़कियों की तस्वीरें जुगाड़ करते हैं जो खाड़ी देश काम करने के लिए खाड़ी देश जाना चाहती हैं, इन तस्वीरों को यूएई में काम कर रहे एजेंट के पास भेजा जाता है. तस्वीरों के आधार पर ही लड़कियों की बोली लगती है.
आपके जानकरी के लिए बता दें कि भारत-नेपाल बॉर्डर क्रॉस करने के लिए किसी भी सरकारी दस्तावेज की जरूरत नहीं होती है. भारतीय पुलिस अधिकारी नेपाल बॉर्डर से तस्करी के लिए नेपाली अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हैं. सीमा पर तैनात एक अधिकारी कहते हैं, “मानव तस्कर कई बहाने लेकर आते हैं और सुरक्षा अधिकारियों को धोखा देते हैं, कई बार वे अपने साथ लाई गईं लड़कियों या महिलाओं से नौकरी का बहाना बनाने का दबाव बनाते हैं.”
दिल्ली में कुछ खास इलाके हैं जहां पर नेपाल से लाई गईं लड़कियों को कैद कर रखा जाता है. एक एक्टिविस्ट बताती हैं, “महिलाओं को ज्यादातर पहाड़गंज, लक्ष्मी नगर, गोविंदपुरी या फिर दक्षिण पश्चिम दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में रखा जाता है. इस दौरान इन लड़कियों का वीजा तैयार किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में ब्यूटी पॉर्लर और मसाज सेंटर चलाने वाले नेपाली भी इस धंधे में बड़े पैमाने पर जुटे हैं. ब्यूटी पॉर्लर और मसाज सेंटर की आड़ में ये धंधा बेरोक-टोक फलता फूलता है. पुलिस जब इन सेंटरों पर छापा मारती है तो ये तस्कर ये कहकर बच निकलते हैं कि वे एक वैध काम कर रहे हैं.
एक स्मगलर ने पुलिस को बताया था कि लड़कियों को विदेश भेजने का बाद फिर उनकी जानकारी नहीं रखी जाती है. उनके सारे रिकॉर्ड खत्म कर दिये जाते हैं. पुलिस के मुताबिक जिन देशों में लड़कियों को भेजा जाता है उनमें, ओमान, मलेशिया, किर्गिस्तान, यूएई, कतर, कुवैत, सउदी अरब, सीरिया और लेबनान शामिल हैं.